सागर ।दरअसल यह खबर सागर जिले के बंडा तहसील के ग्राम पंचायत बमुरा भेड़ा से जुड़ी है।जहां पर कक्षा तीसरी की छात्रा माही जाटव ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर शानदार प्रस्तुति दी।स्कूल प्रधान अध्यापक बीरेंद्र राजपूत जी ने बताया की माही स्कूल की सान है।माही प्रत्येक वर्ष स्कूल मैं,फस्ट आती है।
प्रधान अध्यापक, बीरेंद्र राजपूत अध्यापक भोला प्रसाद योगेश पांडे हेमराज जाटव जी,हमारे संवाददाता से वार्तालाप के दौरान बताया कि बच्चों के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है।शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन भी आवश्यक है। शिक्षकों ने बताया हमारे स्कूल में कोई प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता यहां बच्चों को एक समान शिक्षा दी जाती है। मैं अपने छात्र-छात्राओं से उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
अतिथि के रूप में पधारे मोहनलाल रजक ने बच्चों को मार्गदर्शन देते हुए बच्चों को शिक्षा और गुलामी के संबंध में गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने शब्द से संबोधित किया।
74 वर्षी मोहनलाल रजक ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को धन्यवाद देते कहा सैकड़ो साल की गुलामी के बाद आज भारत 75 वा गणतंत्र दिवस मना रहा है।
74 वर्षीय दादा जी ने कहा कि भारत को अगर शिक्षित समृद्ध और विकासशील देश बनाना है। तो शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देना होगा। इन भेदभाव की जंजीरों को तोड़ना होगा भेदभाव हमें गुलामी की ओर खींचकर ले जाता है । अगर भीमराव अंबेडकर ना होते तो आज एक दलित ओबीसी वर्ग का व्यक्ति बच्चों को मार्गदर्शन ना दे पता ना ही अपने इस सभा में अपने शब्द रख पाता।
भारत देश 1947 में स्वतंत्र हो चुका था लेकिन भारत के लिए कोई कानून व्यवस्था नहीं थी इसलिए 26 जनवरी सन 1950 को डॉक्टर बी आर अंबेडकर द्वारा एक लिखित संविधान दिया गया जिसकी बदौलत हम संविधान की आर्टिकल
अधिकारों में सम्मिलित है। इसकी 19, 20, 21 तथा 22 क्रमांक की धाराएँ नागरिकों को बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित ६ प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान करतीं हैं। भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय संविधान में धारा १९ द्वारा सम्मिलित छह स्वतंत्रता के अधिकारों में से एक है।
रिपोर्टर प्रदीप जाटव
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