दिल्ली में आंदोलनकारी किसानों का हंगामा शुरू! जाने क्या-क्या है किसानो की 12 मांगे पड़े पूरी खबर

 पिछले 2020 में किसान आंदोलन हुआ था किसानों ने अपनी मांगे केंद्र सरकार के सामने रखी थी अब एक बार फिर से किसान आंदोलन 2.0 भी तेजी से शुरू हो चुका है यह आंदोलन फरवरी से 12 मार्च दिल्ली आंदोलन एमसी कई फसलों पर मिलती है लेकिन कई और फसलों पर एस पर नहीं मिलती। और ऐसे 12 किसानों द्वारा केंद्र सरकार की सामने रखी।
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार को घेरा किसानो मागे ने 12 मांगो को पूरा करने की कहानी बात।
।           किसान आंदोलन 2.0 शुरू हो चुका है।
पिछले आंदोलन में मोदी सरकार ने कुछ मांगों को पूरा भी कर दिया था लेकिन अभी भी आंदोलनकारी किसान कुछ मांगों पर अड़े हुए हैं वहीं पर 13 फरवरी की सुबह ढाई सौ से अधिक संगठन दिल्ली पहुंचे।

सूचना के मुताबिक बताया गया है कि यह आंदोलन यही नहीं रुकने वाला है। यह आंदोलन किसानों द्वारा 12 मार्च को दिल्ली चलो आंदोलन कई राज्यों के किसानो से यह आंदोलन शुरू होने वाला है। अपनी मांगों को पूरा करवाने एवं एसपी का मुद्दा एवं 12 मांगो पर किसान अटके हुए हैं

किसान आंदोलन को देखते हुए भारत सरकार ने भी दिल्ली से लगे सभी राज्यों के वाडर को सील कर दिया है।वेंटीलेटर तार समिति के  कांकरीज खड़े कर दिए गए इस के बबाजूत भी किसान रुकने का नाम नहीं ले रहे है।किसान सीधा सरकार से  भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है।
किसान आंदोलन में इस बार हरियाणा पंजाब ही नहीं कई अन्य राज्य से भी किसान आंदोलन में किसान होंगे शामिल

जाने क्या है। केंद्र सरकार से किसानों की 12 मागे 

१. फसलों की एसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी         गारंटी।
२. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग।
३. तीसरी मांग किसने की कर्ज माफी की मांग राखी।
४. भूमि अधिग्रहण 2023 दोबारा लागू करने की मांग।
५. लखीमपुर खीरी केस के दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
६. मुख्य व्यापार समझौते पर रोक की किसने की मांग।
७. संविधान 5 की सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन      की लूट बंद हो।
८. मिर्ची हल्दी समेत मसाले के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन      हो।
९. नकली बीज और कीटनाशक बेचने वाली कंपनी का पर           एक्शन के लिए कानून बनाने की मांग।  
१०. मनरेगा में हर साल 100 दिन की मजदूरी मिलती है वह          मजदूरी 200 दिन का काम मिले और ₹700 मजदूरी दी        जाए।
११. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द कर दिया जाए।
१२. किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज               मामले वापस हूं।
हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इनमें से कुछ मागे केंद्र सरकार द्वारा मान  ली गई है।

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