मध्यप्रदेश शासन कि टेलीमेडिसिन योजना बीते 4 साल पहले 2021 में माननीय मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश के 3 संभाग जबलपुर,रीवा तथा सागर के अंतर्गत आने वाले सभी 20 जिलों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की गई थी जिसमें प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक लैब टेक्नीशियन पदस्थ किया गया है जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर्स (जनरल मेडिसिन,महिलाओं के डॉक्टर और बच्चो के डॉक्टर) द्वारा कंप्यूटर/लैपटॉप के माध्यम से टेलीकंसल्टेशन किया जा रहा था जिससे ग्रामीण अंचल के लोगों को काफी राहत मिली है ग्रामीण लोगो का कहना है कि टेलीमेडिसिन शुरू होने से पहले हमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ना ही पर्याप्त दवाइयां मिल पाती थी और ना ही समय से हॉस्पिटल खुल रहे थे लेकिन जब से टेलीमेडिसिन का काम शुरू हुआ है सुबह से शाम तक हमें ऑनलाइन डॉक्टर के द्वारा उपचार दिया जा रहा है जिससे हम समय पर अपना अपना इलाज करवा पा रहे हैं और हम ग्रामवासियों को खुशी है कि शासन ने हमें इतनी अच्छी सुविधा दी। टेलीमेडिसिन योजना आने से ग्रामीण लोगों को अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंभीर से गंभीर रोग से आराम मिल जाता है वो भी बिल्कुल निशुल्क और उनको बड़े बड़े शहरों की तरफ नहीं भागना पड़ता था लेकिन हाल ही में संज्ञान में आया है कि मध्यप्रदेश शासन ये सुविधा बंद करने का निर्णय ले रही है जिसे लोगों में डर बना हुआ हैं कि फिर से हमें दवाइयों के लिए भटकना पड़ेगा और फिर गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दूर दूर शहरों में जाना पड़ेगा जिसमें समय और पैसा दोनो का नुकसान होगा साथ ही साथ उन सभी 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ लैब टेक्नीशियन का रोजगार दाव पर लगा हुआ है जिस योजना की वजह से उनको सहारा मिला और उनके घर का चूल्हा जल रहा है यदि ये योजना ऐसे अचानक बंद हुई तो ये सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे। प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण और वहां पर पदस्थ लैब टेक्नीशियन में इस बात को लेके आक्रोश बना हुआ है।